एमपीजे वित्त सचिव ज़ैनुल आबेदीन धुले ज़िला कलेक्टर के साथ
नगर राज बिल को लागू करने हेतु चर्चा करते हुए
|
हम सब इस बात से
भली-भांति अवगत हैं कि भारत सरकार ने नगर राज बिल (विधेयक) का एक मॉडल ड्राफ्ट
तमाम राज्य सरकारों को भेज कर इसे प्रदेश की विधान सभा में पारित कर के क़ानूनी रूप
देने को कहा था. इस का उद्देश्य स्थानीय स्वशासन में नागरिक सहभागीता बढ़ाना था. निसंदेह
नगर राज बिल शहर के राजनितिक एवं भौतिक ढांचे को बदलने का एक अद्भुत प्रयास किया है.
नगर राज बिल शहरी क्षेत्र के नागरिकों को ऐसी शक्ति प्रदान करता है, जिसका
इस्तेमाल करके वे अपने आसपास का विकास कर सकते हैं. यह बिल उन्हें स्थानीय शासन के
मुद्दों पर निर्णय लेने में सक्षम बनाता है.
भली-भांति अवगत हैं कि भारत सरकार ने नगर राज बिल (विधेयक) का एक मॉडल ड्राफ्ट
तमाम राज्य सरकारों को भेज कर इसे प्रदेश की विधान सभा में पारित कर के क़ानूनी रूप
देने को कहा था. इस का उद्देश्य स्थानीय स्वशासन में नागरिक सहभागीता बढ़ाना था. निसंदेह
नगर राज बिल शहर के राजनितिक एवं भौतिक ढांचे को बदलने का एक अद्भुत प्रयास किया है.
नगर राज बिल शहरी क्षेत्र के नागरिकों को ऐसी शक्ति प्रदान करता है, जिसका
इस्तेमाल करके वे अपने आसपास का विकास कर सकते हैं. यह बिल उन्हें स्थानीय शासन के
मुद्दों पर निर्णय लेने में सक्षम बनाता है.
एमपीजे सचिव अल्ताफ़ हुसैन नांदेड़ ज़िला कलेक्टर कार्यालय के समक्ष एमपीजे
कार्यकर्ताओं
के साथ नगर राज बिल को लागू करने हेतु
धरना-प्रदर्शन करते हुए |
भारत सरकार के दबाव में महाराष्ट्र
सरकार ने इस विधेयक को वर्ष 2009 में पारित तो कर दिया, किन्तु आज तक यह पारित
विधेयक क़ानूनी रूप नहीं ले सका है. अभी तक न तो पारित नगर राज विधेयक का अधिकारिक
गजट नोटिफिकेशन हुआ है और न ही इसके लिए रूल्स बनाए गए हैं. प्रदेश की जनता अभी तक
नगर राज बिल के लागू होने की प्रतीक्षा ही कर रही है.
सरकार ने इस विधेयक को वर्ष 2009 में पारित तो कर दिया, किन्तु आज तक यह पारित
विधेयक क़ानूनी रूप नहीं ले सका है. अभी तक न तो पारित नगर राज विधेयक का अधिकारिक
गजट नोटिफिकेशन हुआ है और न ही इसके लिए रूल्स बनाए गए हैं. प्रदेश की जनता अभी तक
नगर राज बिल के लागू होने की प्रतीक्षा ही कर रही है.
फैजपुर ज़िला जलगाँव में नगर राज बिल को लागू करने हेतु
उप ज़िला कलेक्टर को मेमोरेंडम देते
हुए एमपीजे कार्यकर्ता |
मूव्मेंट फ़ॉर पीस एंड
जस्टिस फॉर वेलफेयर ने जनहित में यह मुद्दा उठाते हुए इसे लागू करने के लिए
राज्यव्यापी अभियान चलाया. इस अभियान के तहत आम जन को नगर राज बिल के बारे में
जागृत किया गया, जनप्रतिनिधियों के साथ मीटिंग कर के इसे लागू करवाने हेतु सहायता की
अपील की गयी, अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा सरकार को नगर राज बिल लागू करने हेतु पत्र लिखने को
प्रेरित किया गया तथा जनता द्वारा प्रधान मंत्री एवं मुख्यमंत्री को बड़ी तादाद में
चिट्ठी लिखवा कर नगर राज बिल को लागू करने हेतु सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास
किया गया.
जस्टिस फॉर वेलफेयर ने जनहित में यह मुद्दा उठाते हुए इसे लागू करने के लिए
राज्यव्यापी अभियान चलाया. इस अभियान के तहत आम जन को नगर राज बिल के बारे में
जागृत किया गया, जनप्रतिनिधियों के साथ मीटिंग कर के इसे लागू करवाने हेतु सहायता की
अपील की गयी, अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा सरकार को नगर राज बिल लागू करने हेतु पत्र लिखने को
प्रेरित किया गया तथा जनता द्वारा प्रधान मंत्री एवं मुख्यमंत्री को बड़ी तादाद में
चिट्ठी लिखवा कर नगर राज बिल को लागू करने हेतु सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास
किया गया.
एमपीजे उपाध्यक्ष महमूद खान जलगाँव ज़िला कलेक्टर के साथ
नगर राज बिल को लागू करने हेतु चर्चा करते हुए
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इसी अभियान के अंतिम चरण
में एमपीजे ने राज्यव्यापी स्तर पर दिनांक 30 जनवरी 2018 को ज़िलाधिकारी कार्यालय के
समक्ष नगर राज बिल को लागू करने हेतु धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया और उसके बाद ज़िलाधिकारी
को मेमोरेंडम सौंप कर इसे अमली जामा पहनाने की अपील की.
में एमपीजे ने राज्यव्यापी स्तर पर दिनांक 30 जनवरी 2018 को ज़िलाधिकारी कार्यालय के
समक्ष नगर राज बिल को लागू करने हेतु धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया और उसके बाद ज़िलाधिकारी
को मेमोरेंडम सौंप कर इसे अमली जामा पहनाने की अपील की.
एमपीजे सचिव डॉ. (श्रीमती) तसनीम बानो, नागपुर ज़िला अध्यक्ष
शकील मुहम्मदी एवं राजेश बांगर नागपुर में मुख्यमंत्री सचिवालय में
नगर राज बिल को लागू करने हेतु मेमोरेंडम देते हुए
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