एम् पी जे का
बंधुता अभियान
15
अगस्त 2017 से 2 अक्टूबर
2017 तक
अगस्त 2017 से 2 अक्टूबर
2017 तक
मोव्मेंट फॉर पीस एंड जस्टिस फॉर वेलफेयर
ने राज्य में बंधुता और आपसी मेलजोल को बढ़ावा देने के लिए आज देश के स्वाधीनता
दिवस से एक राज्यव्यापी बंधुता अभियान की शुरुआत की है, जो इस वर्ष गाँधी जयंती
अर्थात् 2 अक्टूबर तक चलेगा।
ने राज्य में बंधुता और आपसी मेलजोल को बढ़ावा देने के लिए आज देश के स्वाधीनता
दिवस से एक राज्यव्यापी बंधुता अभियान की शुरुआत की है, जो इस वर्ष गाँधी जयंती
अर्थात् 2 अक्टूबर तक चलेगा।
इस अभियान का मूल उद्देश्य समाज में बंधुता
को बढ़ावा देना है। दूसरे शब्दों में,
इस अभियान का उद्देश्य भारत के संवैधानिक विचार को बढ़ावा देना है, जो अपने सभी नागरिकों
को व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित कराने वाली, बंधुता बढ़ाने के लिए
कार्य करने का अवसर प्रदान करता है।”
को बढ़ावा देना है। दूसरे शब्दों में,
इस अभियान का उद्देश्य भारत के संवैधानिक विचार को बढ़ावा देना है, जो अपने सभी नागरिकों
को व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित कराने वाली, बंधुता बढ़ाने के लिए
कार्य करने का अवसर प्रदान करता है।”
आज एक समावेशी और लोकतांत्रिक भारत के अवधारणा
पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। हमारे देश में सामाजिक और आर्थिक असमानताएं स्पष्ट रूप
से दिखती हैं। सुख-सुविधा संपन्न और वंचित,
सशक्त और अशक्त व्यक्तियों के बीच,
अमीर और गरीब के बीच का अंतर बहुत बड़ा है और यह अंतर निरंतर बढ़ता ही जा रहा है।
उन लोगों को संसाधन अधिक मिल रहा है जो पहले से ही बेहतर हैं, जबकि ज़रुरत मंद लोगों
की संसाधन तक पहुँच काफ़ी कम है।
पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। हमारे देश में सामाजिक और आर्थिक असमानताएं स्पष्ट रूप
से दिखती हैं। सुख-सुविधा संपन्न और वंचित,
सशक्त और अशक्त व्यक्तियों के बीच,
अमीर और गरीब के बीच का अंतर बहुत बड़ा है और यह अंतर निरंतर बढ़ता ही जा रहा है।
उन लोगों को संसाधन अधिक मिल रहा है जो पहले से ही बेहतर हैं, जबकि ज़रुरत मंद लोगों
की संसाधन तक पहुँच काफ़ी कम है।
आर्थिक एवं
जातिगत असामनता एवं भेदभाव के साथ-साथ देश में एक समुदाय विशेष के साथ बढती हुई नफ़रत
भी एक बड़ी समस्या बन गई है। जबकि भारत का संविधान हर नागरिक को न्याय, समानता और स्वतंत्रता
का आश्वासन देता है।
जातिगत असामनता एवं भेदभाव के साथ-साथ देश में एक समुदाय विशेष के साथ बढती हुई नफ़रत
भी एक बड़ी समस्या बन गई है। जबकि भारत का संविधान हर नागरिक को न्याय, समानता और स्वतंत्रता
का आश्वासन देता है।
इन सब समस्याओं का संवैधानिक हल मौजूद
है। अनुच्छेद 51-ए के तहत, भारत के हर
नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए कि धार्मिक,
भाषाई, क्षेत्रीय या
आंशिक विविधता से आगे बढ़कर भारत के सभी लोगों के बीच समानता और समान भाईचारे की भावना
को बढ़ावा दे।
है। अनुच्छेद 51-ए के तहत, भारत के हर
नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए कि धार्मिक,
भाषाई, क्षेत्रीय या
आंशिक विविधता से आगे बढ़कर भारत के सभी लोगों के बीच समानता और समान भाईचारे की भावना
को बढ़ावा दे।
एम् पी जे के इस अभियान की शुरुआत धुले
ज़िले से हुई, जहाँ स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक कैंडल मार्च का आयोजन कर
के बंधुत्व के संदेश पहुँचाने की पहल की गयी।
ज़िले से हुई, जहाँ स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक कैंडल मार्च का आयोजन कर
के बंधुत्व के संदेश पहुँचाने की पहल की गयी।