मुंबई– राज्य
में विवाह पंजीकरण अधिनियम 1998 के तहत विवाह के पंजीकरण में पेश आने वाली
परेशानियों के मद्देनजर एम् पी जे ने एक आर टी आई दाख़िल कर के पंजीयन प्रक्रिया को
आसान बनाने और लोगों को परेशानियों से राहत दिलाने का काम किया है! दरअसल अभी तक
पंजीकरण के लिए वांछित दस्तावेजों में एक शपथ पत्र की ज़रुरत होती थी, जिसकी
अनिवार्यता राज्य सरकार के एक शासन निर्णय
के बाद समाप्त हो गयी थी, किन्तु पंजीयन प्राधिकारियों के कार्यालय में जनता से
इसकी मांग की जाती थी और लोगों के समय के साथ –साथ पैसे का भी नुकसान होता था!
लेकिन एम् पी जे ने अब सम्बंधित विभागाध्यक्ष से इस बात का स्पष्टीकरण प्राप्त
किया है कि, शपथ पत्र के बजाए सेल्फ-अटेस्टेड घोषणापत्र पंजीकरण के लिए पर्याप्त
दस्तावेज़ है!
में विवाह पंजीकरण अधिनियम 1998 के तहत विवाह के पंजीकरण में पेश आने वाली
परेशानियों के मद्देनजर एम् पी जे ने एक आर टी आई दाख़िल कर के पंजीयन प्रक्रिया को
आसान बनाने और लोगों को परेशानियों से राहत दिलाने का काम किया है! दरअसल अभी तक
पंजीकरण के लिए वांछित दस्तावेजों में एक शपथ पत्र की ज़रुरत होती थी, जिसकी
अनिवार्यता राज्य सरकार के एक शासन निर्णय
के बाद समाप्त हो गयी थी, किन्तु पंजीयन प्राधिकारियों के कार्यालय में जनता से
इसकी मांग की जाती थी और लोगों के समय के साथ –साथ पैसे का भी नुकसान होता था!
लेकिन एम् पी जे ने अब सम्बंधित विभागाध्यक्ष से इस बात का स्पष्टीकरण प्राप्त
किया है कि, शपथ पत्र के बजाए सेल्फ-अटेस्टेड घोषणापत्र पंजीकरण के लिए पर्याप्त
दस्तावेज़ है!