मूव्मेंट फॉर पीस एंड जस्टिस फॉर वेलफेयर (एमपीजे) एक सामाजिक संगठन है, जो विगत कई वर्षों से प्रदेश में जनहित के कार्य
अंजाम दे रही है! एमपीजे प्रदेश में पंचायती राज को सक्षम, पारदर्शी
एवं बेहतर बनाने हेतु राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों में शुरू से ही योगदान
देती आ रही है! किन्तु यह बहुत दुःख की
बात है कि आज ग्रामीण जनता में ग्रामसभा की कार्य प्रणाली को लेकर संशय की स्थिति बन
गई है! जनता को यह महसूस हो रहा है कि स्थानीय स्वशासन में उनकी भागीदारी केवल चुनाव
के समय वोट देने से अधिक नहीं है! हालांकि केंद्र सरकार द्वारा 73 वां संविधान संशोधन
कर के स्थानीय स्वशासन में आम जन की भागीदारी सुनिश्चित की गयी थी!
ग्रामीण जनता का मानना है कि, ग्रामसभा में लिए गए निर्णयों को बदल दिया जाता है! जिसके कारण जनता का ग्रामसभाओं
से विश्वास समाप्त होता नज़र आ रहा है, जो एक स्वस्थ लोकतंत्र
के लिए शुभ संकेत नहीं है! यह बहुत ही विकट परिस्थिति है!
से विश्वास समाप्त होता नज़र आ रहा है, जो एक स्वस्थ लोकतंत्र
के लिए शुभ संकेत नहीं है! यह बहुत ही विकट परिस्थिति है!
इसलिए एमपीजे ने महाराष्ट्र में राज्य सरकार से आगामी 26 जनवरी 2018 को होने वाली
तमाम ग्राम सभाओं की बैठकों की विडियो रिकॉर्डिंग कराने की मांग की है, ताकि इन ग्रामसभाओं में जनहित में लिए गए निर्णयों
में कोई रद्दो बदल की गुंजाईश बाकी न रह सके! ऐसा करने से न केवल जनता का ग्रामसभाओं
में विश्वास बहाल होगा, बल्कि यह लोकतंत्र को भी मज़बूती प्रदान
करेगा! Photo © Yogeshmanage09
तमाम ग्राम सभाओं की बैठकों की विडियो रिकॉर्डिंग कराने की मांग की है, ताकि इन ग्रामसभाओं में जनहित में लिए गए निर्णयों
में कोई रद्दो बदल की गुंजाईश बाकी न रह सके! ऐसा करने से न केवल जनता का ग्रामसभाओं
में विश्वास बहाल होगा, बल्कि यह लोकतंत्र को भी मज़बूती प्रदान
करेगा!