“सब के लिए स्वास्थ्य”
अभियान शुरू करने से पूर्व राज्य भर में एम् पी जे द्वारा कार्यकर्ताओं
हेतु वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है! इसी क्रम में नागपुर में एक वर्क शॉप का
आयोजन किया गया, जिसे प्रदेश अध्यक्ष, श्री मुहम्मद सिराज ने संबोधित किया! जलगाँव
में हुए वर्कशॉप को संसथान के महासचिव श्री अफ़सर उस्मानी ने ख़िताब किया! उन्हों ने
सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, “आप इस बात से बख़ूबी वाकिफ हैं कि, इंसानी
ज़िन्दगी अच्छे सेहत के बिना एक बोझ है तथा भारतीय संविधान से ले कर अंतर्राष्ट्रीय
मानवधिकार संगठनों ने सेहत को हमारा हक़ करार दिया है! इस लिहाज़ से बेहतर सेहत के
लिए आवश्यक सेवाओं की प्रदानगी सरकार का कर्तव्य है! लेकिन यह न केवल खेद बल्कि
चिंता का विषय है कि, हमारे प्रदेश में आम जन के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाएँ
बिलकुल नाकाफी साबित हो रही हैं तथा सरकार अपने कर्तव्य पालन में असफल सिद्ध होती
नज़र आरही है! जिसका परिणाम बड़े शहरों के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से ले कर प्राइवेट
नर्सिंग होम तक में लोगों की बड़ी भीड़ के रूप में दिखाई देती है तथा मौजूदा
परिस्थिति में गरीब लोगों की ज़िन्दगी अजीरन बनती नज़र आ रही है! प्रदेश की जर्जर
होती स्वास्थ्य व्यवस्था एवं इंफ्रास्ट्रक्चर तथा राजनितिक उदासीनता हालात को और
भयावह बनाते दीखते हैं!”
अभियान शुरू करने से पूर्व राज्य भर में एम् पी जे द्वारा कार्यकर्ताओं
हेतु वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है! इसी क्रम में नागपुर में एक वर्क शॉप का
आयोजन किया गया, जिसे प्रदेश अध्यक्ष, श्री मुहम्मद सिराज ने संबोधित किया! जलगाँव
में हुए वर्कशॉप को संसथान के महासचिव श्री अफ़सर उस्मानी ने ख़िताब किया! उन्हों ने
सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, “आप इस बात से बख़ूबी वाकिफ हैं कि, इंसानी
ज़िन्दगी अच्छे सेहत के बिना एक बोझ है तथा भारतीय संविधान से ले कर अंतर्राष्ट्रीय
मानवधिकार संगठनों ने सेहत को हमारा हक़ करार दिया है! इस लिहाज़ से बेहतर सेहत के
लिए आवश्यक सेवाओं की प्रदानगी सरकार का कर्तव्य है! लेकिन यह न केवल खेद बल्कि
चिंता का विषय है कि, हमारे प्रदेश में आम जन के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाएँ
बिलकुल नाकाफी साबित हो रही हैं तथा सरकार अपने कर्तव्य पालन में असफल सिद्ध होती
नज़र आरही है! जिसका परिणाम बड़े शहरों के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से ले कर प्राइवेट
नर्सिंग होम तक में लोगों की बड़ी भीड़ के रूप में दिखाई देती है तथा मौजूदा
परिस्थिति में गरीब लोगों की ज़िन्दगी अजीरन बनती नज़र आ रही है! प्रदेश की जर्जर
होती स्वास्थ्य व्यवस्था एवं इंफ्रास्ट्रक्चर तथा राजनितिक उदासीनता हालात को और
भयावह बनाते दीखते हैं!”
उन्होंने ने लोगों को आगाह किया कि,
सरकार शहर की 40% आबादी को 80% तथा 60% ग्रामीण जनता के लिए मात्र 20% स्वास्थ्य
सेवा की प्रदानगी करती है, जो सरासर अन्याय है! इतना ही नहीं सरकार स्वास्थ्य
सेवाओं पर जी डी पी का मात्र 1.2% ही खर्च करती है तथा बारहवीं पंचवर्षीय योजना में वर्ष 2017 तक इसे बढ़ा कर 2.5% करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया
था, उसमें भी सरकार असफल साबित होती दिख रही है!
सरकार शहर की 40% आबादी को 80% तथा 60% ग्रामीण जनता के लिए मात्र 20% स्वास्थ्य
सेवा की प्रदानगी करती है, जो सरासर अन्याय है! इतना ही नहीं सरकार स्वास्थ्य
सेवाओं पर जी डी पी का मात्र 1.2% ही खर्च करती है तथा बारहवीं पंचवर्षीय योजना में वर्ष 2017 तक इसे बढ़ा कर 2.5% करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया
था, उसमें भी सरकार असफल साबित होती दिख रही है!
इस अभियान की सफलता इस बात पर निर्भर है कि, हम
सरकार द्वारा सेहत जैसे आवश्यक लोक कार्यों से अपने हाथ खींच कर, आवश्यक सेवाओं के
निजीकरण करने वाले हर क़दम पर अंकुश लगा सकें! इसलिए मैं आप से विनम्र गुज़ारिश करता
हूँ कि, आप पहले ही की भांति लगन,मेहनत एवं सक्रिय भागीदारी के द्वारा इस
कार्यक्रम को सफल बनायें!
सरकार द्वारा सेहत जैसे आवश्यक लोक कार्यों से अपने हाथ खींच कर, आवश्यक सेवाओं के
निजीकरण करने वाले हर क़दम पर अंकुश लगा सकें! इसलिए मैं आप से विनम्र गुज़ारिश करता
हूँ कि, आप पहले ही की भांति लगन,मेहनत एवं सक्रिय भागीदारी के द्वारा इस
कार्यक्रम को सफल बनायें!