एम पी जे ने कोरोना की दूसरी लहर के बाद post covid स्थिति की समीक्षा करने और ज़िला एवं
तालुका अध्यक्षों के क्षमता निर्माण हेतु कार्यक्रम आयोजित करने का सिलसिला
शुरू किया है, जिसके तहत औरंगाबाद, जालना, परभणी, बीड, नांदेड़, लातूर, अकोला, नागपुर यवतमाल, अमरावती, नाशिक और धुले ज़िलों के ज़िला और तालुका अध्यक्षों
के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम क्रमशः भुसावल में में 27 जून 2021, औरंगाबाद
में 3 जुलाई 2021, अकोला में 4 जुलाई 2021और धुले में 5 जुलाई
2021 को आयोजित
किया गया.
दरअसल कोरोना पाने साथ नई चुनौतियाँ लेकर आई है. कोरोना ने भारत
के करोड़ों लोगों को गरीबी में धकेल दिया है. दरअसल, कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन
से लाखों लोग बेरोजगार हो गए. आमदनी बंद हो गई और उनकी बचत भी ख़त्म हो गई. बड़ी तादाद
में लोग क़र्ज़दार हो गए हैं. समाचार पत्रों में आर्थिक कारणों से लोगों के आत्महत्या
करने की ख़बरें भी सुर्खियाँ बनने लगी हैं. कोरोना की मार का असर दुनिया भर में सब से
ज़्यादा भारत के लोगों पर हुआ है. दुनिया भर में कोरोना की वजह से ग़रीब हुए लोगों में
60% लोग
भारतीय हैं. भारत में गरीबों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है.
कोरोना की दूसरी लहर से स्थिति और ज़्यादा गंभीर होने की आशंका
जताई जा रही है. कोरोना का असर बच्चों की शिक्षा पर भी पड़ा है. कोरोना महामारी के बाद
महाराष्ट्र की सामाजिक एवं आर्थिक हालात में ज़बरदस्त परिवर्तन नज़र आ रहा है. इस बदले
हुए परिदृश्य में एम पी जे के सामने नई चुनौतियां हैं. प्रदेश में फ़ूड सिक्यूरिटी का
मसला है. असंगठित क्षेत्र के कामगारों का कल्याण, आजीविका, शिक्षा और स्वास्थ्य आदि पहले की अपेक्षा और ज़्यादा गंभीर मुद्दे
बन गए हैं.
इस कठिन समय में प्रदेश के समस्याओं से जूझ रहे लोगों को उनके
अधिकारों को दिलाने हेतु एम पी जे की ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है. इसलिए एम पी जे विभिन्न
जिलों में अपने कार्यकर्ताओं की जनहित के मुद्दों पर क्षमता निर्माण करने के लिए कार्यक्रम
आयोजित कर रही है, जिस में उनको विभिन्न अधिकारों और उनकी डिलीवरी
की स्थिति पर जानकारी दे कर सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि कार्यकर्ता
आम जन के अधिकारों की रक्षा में सक्षम हो सके.
Very nice sir👌👌👌