एम.पी.जे. की परिकल्पना

 परिकल्पना: संविधान, समावेश, साम्य तथा लोकतंत्र हम जानते हैं कि, देश में ग़रीबी एक विकराल रूप धारण कर चुकी है! ऑक्सफेम की एक रिपोर्ट के अनुसार “भारत में चंद लोगों के अविश्वसनीय आर्थिक लाभ के बावजूद, गरीबी और असमानता बड़े पैमाने पर है! जहाँ  अरबपतियों की संख्या दस गुणाबढ़ी है, वहीं समाज के सबसे गरीब […]

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