जालना में एम् पी जे कार्यकर्त्ता जिलाधिकारीको ज्ञापन सौंपते हुए
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अकोला: मोव्मेंट फॉर पीस एंड जस्टिस ने आज यहाँ सब को अन्न मिले, इस के लिए अन्न
अधिकार मोर्चा का सफ़ल आयोजन किया! इस रैली में ज़िले के विभिन्न भागों से आए हुए
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया! दरअसल यह कार्यक्रम अन्न अधिकार अभियान की पहल
पर आयोजित किया गया था! इस रैली का मक़सद लोगों की खाद्यान्न समस्या की तरफ़ सरकार
का ध्यान आकर्षित करना है, जिसमें अन्न सुरक्षा अधिनियम को पूरी तरह से लागू करने,
केसरी कार्ड धारकों को अनाज देने पर सरकार द्वारा पुनर्विचार करने तथा सर्वोच्च
न्यायलय के आदेशानुसार अन्तोदय योजना के लिए पात्र तमाम लोगों को शामिल किया जाना भी
शामिल है! आज हज़ारों की संख्या में इस रैली में शामिल हुए लोगों ने डिस्ट्रिक्ट
कलेक्टर को इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन सौंपा! आज अकोला के साथ साथ जालना और परभणी में भी इसी
तरह का आयोजन किया गया और धरना प्रदर्शन के साथ साथ ज़िला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा
गया! गौर तलब है कि, वर्ष 2013 में क़ानून बनाकर सरकार ने समस्त नागरिकों को खाद्यान्न की गारंटी दी है,
किन्तु आज तक इस क़ानून को पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है, जिसके कारण लोगों
को खाद्यान्न अधिकार होने के बावजूद भूखे पेट सोने को मजबूर होना पड़ रहा है! इसलिए
एम् पी जे अन्य संगठनों के साथ मिलकर यह ग़रीबों को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रही
है!
अधिकार मोर्चा का सफ़ल आयोजन किया! इस रैली में ज़िले के विभिन्न भागों से आए हुए
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया! दरअसल यह कार्यक्रम अन्न अधिकार अभियान की पहल
पर आयोजित किया गया था! इस रैली का मक़सद लोगों की खाद्यान्न समस्या की तरफ़ सरकार
का ध्यान आकर्षित करना है, जिसमें अन्न सुरक्षा अधिनियम को पूरी तरह से लागू करने,
केसरी कार्ड धारकों को अनाज देने पर सरकार द्वारा पुनर्विचार करने तथा सर्वोच्च
न्यायलय के आदेशानुसार अन्तोदय योजना के लिए पात्र तमाम लोगों को शामिल किया जाना भी
शामिल है! आज हज़ारों की संख्या में इस रैली में शामिल हुए लोगों ने डिस्ट्रिक्ट
कलेक्टर को इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन सौंपा! आज अकोला के साथ साथ जालना और परभणी में भी इसी
तरह का आयोजन किया गया और धरना प्रदर्शन के साथ साथ ज़िला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा
गया! गौर तलब है कि, वर्ष 2013 में क़ानून बनाकर सरकार ने समस्त नागरिकों को खाद्यान्न की गारंटी दी है,
किन्तु आज तक इस क़ानून को पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है, जिसके कारण लोगों
को खाद्यान्न अधिकार होने के बावजूद भूखे पेट सोने को मजबूर होना पड़ रहा है! इसलिए
एम् पी जे अन्य संगठनों के साथ मिलकर यह ग़रीबों को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रही
है!
अकोला में एम् पी जे कार्यकर्त्ता प्रदर्शन करते हुए
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