एम् पी
जे ने राष्ट्रिय युवा दिवस के अवसर पर 12जनवरी 2017 को प्रदेश के युवाओं के लिए मुंबई
में “युवा कारवां” के नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया है! यह कार्यक्रम दादर-माटुंगा
कल्चरल सेंटर मुंबई में दिन के ग्यारह बजे से शाम के सात बजे तक चलेगा! दरअसल एम् पी
जे एक जन आंदोलन है जो सदैव समाज के विभिन्न वर्गों विशेषतः कमज़ोर वर्ग के लोगों को
उनका हक़ दिलाने के लिए प्रयासरत रहती है! एम् पी जे देश के युवाओं के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी
को समझते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन कर रही है!
सर्वविदित है कि, भारत को युवाओं का देश कहा जाता है!
विश्व में भारत के पास सब से अधिक युवा शक्ति है! देश में 60 प्रतिशत से अधिक
आबादी युवाओं की ही है! यह युवा वर्ग ही है जिसे देश का निर्माता और भाग्य विधाता
कहा जाता है! निःसंदेह शारीरिक एवं मानसिक रूप से सबसे ज्यादा ताकतवर वर्ग युवा का
ही होता है। इतिहास गवाह है कि, देश और दुनिया में जितने भी महत्वपूर्ण परिवर्तन
हुए हैं उन सभी में युवाओं की सक्रीय भागीदारी रही है! युवा शक्ति के महत्त्व से
कोई भी इनकार नहीं कर सकता है, किन्तु युवा नामक उर्जा का सही इस्तेमाल उस वक़्त
संभव होता है, जब वास्तव में युवा शक्ति के पास देश एवं समाज के प्रति सकारात्मक
सोच हो!
विश्व में भारत के पास सब से अधिक युवा शक्ति है! देश में 60 प्रतिशत से अधिक
आबादी युवाओं की ही है! यह युवा वर्ग ही है जिसे देश का निर्माता और भाग्य विधाता
कहा जाता है! निःसंदेह शारीरिक एवं मानसिक रूप से सबसे ज्यादा ताकतवर वर्ग युवा का
ही होता है। इतिहास गवाह है कि, देश और दुनिया में जितने भी महत्वपूर्ण परिवर्तन
हुए हैं उन सभी में युवाओं की सक्रीय भागीदारी रही है! युवा शक्ति के महत्त्व से
कोई भी इनकार नहीं कर सकता है, किन्तु युवा नामक उर्जा का सही इस्तेमाल उस वक़्त
संभव होता है, जब वास्तव में युवा शक्ति के पास देश एवं समाज के प्रति सकारात्मक
सोच हो!
आज अगर पाश्चात्य संस्कृति पर नज़र डालते हैं तो बड़ी निराशा होती है!
क्योंकि अक्सर वहां युवाओं को पथभ्रष्ट होते देखा जा सकता है! हमारे देश में भी
नशीली चीज़ें, नग्नता तथा अन्य व्यसन एक ज़हर की तरह युवा शक्ति को खोखला करती दिखाई
देती हैं! हालांकि पश्चिम की तरह भारत में यह महामारी के रूप में नहीं है, किन्तु युवा
शक्ति के बर्बाद होने के कारण मौजूद हैं! इस परिदृश्य में युवाओं के प्रति समाज की
ज़िम्मेदारी बहुत अहम् हो जाती है! स्वामी विवेकानंद जी ने भी युवाओं को मन और शरीर
को स्वस्थ बनाने की सलाह दी थी! आज मोवमेंट फॉर पीस एंड जस्टिस युवाओं के
सकारात्मक दिशा-निर्देशन के लिए कृतसंकल्प है! एम् पी जे युवाओं के चरित्र
निर्माण, शिक्षा एवं रोज़गार प्राप्ति में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना चाहती है
तथा स्वामी विवेकानंद जी के सन्देश को मूर्त रूप देने को बाध्य है!
क्योंकि अक्सर वहां युवाओं को पथभ्रष्ट होते देखा जा सकता है! हमारे देश में भी
नशीली चीज़ें, नग्नता तथा अन्य व्यसन एक ज़हर की तरह युवा शक्ति को खोखला करती दिखाई
देती हैं! हालांकि पश्चिम की तरह भारत में यह महामारी के रूप में नहीं है, किन्तु युवा
शक्ति के बर्बाद होने के कारण मौजूद हैं! इस परिदृश्य में युवाओं के प्रति समाज की
ज़िम्मेदारी बहुत अहम् हो जाती है! स्वामी विवेकानंद जी ने भी युवाओं को मन और शरीर
को स्वस्थ बनाने की सलाह दी थी! आज मोवमेंट फॉर पीस एंड जस्टिस युवाओं के
सकारात्मक दिशा-निर्देशन के लिए कृतसंकल्प है! एम् पी जे युवाओं के चरित्र
निर्माण, शिक्षा एवं रोज़गार प्राप्ति में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना चाहती है
तथा स्वामी विवेकानंद जी के सन्देश को मूर्त रूप देने को बाध्य है!